
कब है विजया एकादशी? जानें तिथि, महत्व और पूजन विधि (24 फ़रवरी)
आज हम बात करने जा रहे है विजय एकादशी व्रत के बारे में जो हमारे पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी इस व्रत को महान बताया गया है
पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में राजा महाराजा ये व्रत करने से अपनी अपराजय को पराजय में बदल लेते थे ज्योतिष के अनुसार
इस व्रत के जरिये आप चन्द्रमा के हर दुष्प्रभाव से को रोक सकते है ग्रहो के बुरे प्रभावों से भी इस व्रत को करने से रोका जा सकता है
विजया एकादशी का महत्व
विजय एकादशी के नाम से पता चलता है ये व्रत का कितना बड़ा महत्व है इस दिन भगवन विष्णु जी की उपसना की जाती है ये व्रत करने से आप बड़ी सी बड़ी विपत्ति से छुटकारा ले सकते है इस व्रत के जरिये सत्रु को हराया भी जा सकता है ये व्रत इस साल 24 फरवरी को रखा जायेगा
विजया एकादशी की पूजन विधि
इस दिन आपका घर का मंदिर जहा भी हो उस मंदिर को अच्छे से सफाई करके कलश की स्थापना रखनी चाहिए श्रद्धा भाव से श्री हरी का पूजन करे इसके साथ ही मस्तक पर सफेद चन्दन या गोपी चन्दन लगाकर कर श्रीहरि को पंचामृत, फूल और इसी ऋतु का कोई फल अर्पित करने के बाद पूजन करें. आप सभी को एक बात का अवस्य ध्यान देना है एक वेला उपवास रखें और एक वेला पूर्ण सात्विक आहार ग्रहण करें. शाम को भोजन करने के पहले उपासना और आरती जरूर करें. अगले दिन सुबह पूजन वाले कलश और अन्न, का दान कर सकते है
विजया एकादशी पर क्या करें, क्या ना करें?
इस दिन आप सभी लोगो को तामसिक आहार से दूर रहना चाहिए इस दिन भगवन विष्णु का धयान करके ही दिन की सुरुवात करनी चाहिए
इस दिन आपको तन मन धन से आपको विष्णु जी को याद करना चाहिए
जिन लोगो की सेहत ठीक न हो तो उन्हें ये व्रत नहीं करना चाहिए जो व्रत का नियम है उस नियम का पालन करना चाहिए नहीं तो व्रत करने से कोई फ़ायद नहीं होगा एक बात का अवस्य धयान देना चाहिए इस दिन आपको चावल नहीं खाना और न ही भारी भोजन खाना चाहिए
इस दिन आप लोग गुस्सा न करे , कम बोले और आचरण पर रहने का प्रयास करे में उम्मीद करता हु आप सभी को मेरे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी हम भगवन से प्राथना करते है आप सभी लोग खुश रहे आप सभी लोगो का मंगलमय हो आप सभी लोग अपने जीवन में बहुत आगे जाये आप सभी लोगो पर भगवान विष्णु जी कृपा हमेशा बनी रहे
