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सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥

माँ दुर्गा केवल एक शक्ति नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि की ऊर्जा हैं। जब जीवन में अंधकार बढ़ता है, तब माँ का आह्वान करने से हर बाधा मिट जाती है और आशा का नया प्रकाश मिलता है। उनकी कृपा से मन को शांति, आत्मा को शक्ति और जीवन को एक नई दिशा प्राप्त होती है

Religion Can't Divide You And Others

We believe that faith, love, and humanity should go hand in hand. No matter what religion you follow, the essence of every spiritual path is kindness, respect, and unity

वि. सं. 2082, '21 अगस्त 2025, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि गुरुवार

माता के सिद्धपीठों से जुडी धार्मिक कथाये उनका महत्व एवं उनका इतिहास

आज का सुविचार

बन्धुरात्मात्मनस्तस्य येनात्मैवात्मना जितः।
अनात्मनस्तु शत्रुत्वे वर्तेतात्मैव शत्रुवत्॥

भगवान श्रीकृष्ण सिखाते हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र और शत्रु उसका अपना मन है। यदि मन संयमित है तो वह उन्नति की ओर ले जाता है, और यदि असंयमित है तो पतन का कारण बनता है। आत्मसंयम और विवेक ही सच्चा बल है।

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मां स्कंदमाता की कथा

नवरात्रि के पाँचवे दिन माँ दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। स्कंदमाता का नाम उनके पुत्र भगवान

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