Loading...

महत्त्व, विधि और कथा

पापमोचनी एकादशी व्रत: महत्त्व, विधि और कथा ( 25 मार्च )

पापमोचनी एकादशी हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजनीय तिथि मानी जाती है। यह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और इसका नाम ही दर्शाता है कि यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत है। जो भी श्रद्धालु इस व्रत को विधिपूर्वक करता है, उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यूँ तो हिन्दू धर्म में हर एकादशी व्रत का अपना एक विशेष महत्त्व होता है। परन्तु पापमोचनी एकादशी हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजनीय तिथि मानी जाती है। आईये इसके बारे में विष्तार से जानते है।

पापमोचनी एकादशी का महत्त्व:

हिन्दू धर्मग्रंथों में एकादशी तिथि को अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है। खासकर, पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति अपने जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्त हो जाता है और उसका मन शुद्ध होता है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक शांति और सुख-समृद्धि भी प्रदान करता है।

पापमोचनी एकादशी व्रत विधि: 

1. व्रत का संकल्प:- एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर पवित्र भाव से भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने से पूर्व जल, अक्षत (चावल), और फूल लेकर संकल्प मंत्र बोल सकते हैं।

|| ॐ विष्णोः प्रीत्यर्थं पापमोचनी एकादशी व्रतमहं करिष्ये ||

2. भगवान विष्णु की पूजा:- भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए धूप, दीप, पुष्प, चंदन, तुलसीदल और नैवेद्य अर्पित करें। शुद्ध भाव से विष्णु जी के समक्ष दीप जलाकर उनका ध्यान करें।

3. मंत्र जाप:- इस दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के सभी पापों का नाश करता है और मोक्ष प्रदान करने वाला होता है।

4. व्रत का पालन:-  व्रतधारी को इस दिन केवल फलाहार करना चाहिए या निर्जल व्रत रखना चाहिए। अन्न, मसालेदार भोजन एवं तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज आदि) का त्याग करें। सात्त्विकता बनाए रखना आवश्यक होता है।

5. भजन-कीर्तन एवं कथा श्रवण:- भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें, उनकी महिमा का गुणगान करें और श्रीहरि से संबंधित कथा सुनें। इससे मन शुद्ध होता है और व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।

6. द्वादशी के दिन पारण:- अगले दिन, द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें। तत्पश्चात, स्वयं भी सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।

2025 में पापमोचिनी एकादशी व्रत कब किया जायेगा ?

  • पापमोचिनी एकादशी मंगलवार , मार्च 25 , 2025 को
  • 26 मार्च को , पारण (व्रत तोड़ने का )समय – 13 :17 से 15 :45
  • पारण तिथि के दिन हरि वारस समाप्त होने का समय – 09 : 14
  • एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 25 , 2025 को 05 :05 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 26  , 2025 को 03  :45 बजे

इस दिन के अन्य शुभ  मुहूर्त 

  • ब्रह्म मुहूर्त – 04 :23 ए एम से 05 :10 ए एम तक
  • प्रात संध्या – 04 :46  ए एम से 05 :57 ए एम तक
  • अभिजीत  मुहूर्त – 11: ए एम से 12 :28 ए एम तक
  • विजय  मुहूर्त – 02 :06  पी  एम से 02 :55 पी  एम तक
  • गोधूलि  मुहूर्त – 06 :10  पी  एम से 05 :10 पी एम तक
  • अमृतकाल  – 05 :41   पी  एम से 07 :15  पी एम तक

Scroll to Top