
भगवान विष्णु के 16 कलाओं सहित पूर्ण अवतार
16 कलाओं से युक्त श्रीकृष्ण का पूर्ण अवतार
भगवान विष्णु के अवतारों में पूर्ण अवतार और आंशिक अवतार (अंशावतार) होते हैं। पूर्ण अवतार वे होते हैं, जिनमें भगवान की सोलह (16) कलाएँ संपूर्ण रूप से विद्यमान होती हैं।
भगवान विष्णु के 16 कलाओं सहित पूर्ण अवतार
🔹 श्रीराम – 12 कलाओं से युक्त अवतार।
🔹 श्रीकृष्ण – 16 कलाओं से युक्त पूर्ण अवतार।
16 कलाओं से युक्त श्रीकृष्ण का पूर्ण अवतार
भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु का पूर्णावतार (पूर्ण पुरुषोत्तम) कहा जाता है क्योंकि उनमें सभी 16 कलाएँ संपूर्ण रूप से विद्यमान थीं।
👉 16 कलाएँ:
1️⃣ अणिमा – शरीर को सूक्ष्म बनाना
2️⃣ महिमा – शरीर को विराट रूप देना
3️⃣ लघिमा – हल्का बनाना
4️⃣ गुरिमा – भारी बनाना
5️⃣ प्राप्ति – इच्छानुसार वस्तु प्राप्त करना
6️⃣ प्राकाम्य – इच्छानुसार कार्य करने की शक्ति
7️⃣ ईशित्व – संपूर्ण सृष्टि पर नियंत्रण
8️⃣ वशित्व – अन्य जीवों को वश में करना
9️⃣ सर्वज्ञता – सम्पूर्ण ज्ञान से युक्त
🔟 सत्य संकल्प – संकल्प मात्र से इच्छापूर्ति
1️⃣1️⃣ सर्वकर्मकौशलता – हर कार्य में कुशलता
1️⃣2️⃣ सर्वशक्ति – संपूर्ण शक्तियों का स्वामी
1️⃣3️⃣ सर्वसिद्धि – सभी सिद्धियों का ज्ञान
1️⃣4️⃣ योगशक्ति – समस्त योगों की शक्ति
1️⃣5️⃣ मायाशक्ति – माया पर नियंत्रण
1️⃣6️⃣ भक्त वत्सलता – भक्तों पर विशेष कृपा
भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण में अंतर
- श्रीराम 12 कलाओं से युक्त मर्यादा पुरुषोत्तम थे, जिन्होंने मानव रूप में जीवन जीकर धर्म की स्थापना की।
- श्रीकृष्ण 16 कलाओं से पूर्ण पुरुषोत्तम थे, जो सृष्टि के समस्त रहस्यों को जानने वाले योगेश्वर थे।
निष्कर्ष
भगवान विष्णु जब सृष्टि की पूर्ण रक्षा के लिए अवतरित होते हैं, तो वे सभी 16 कलाओं के साथ प्रकट होते हैं। यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना जाता है। 🙏✨
