
छात्रों के लिए वसंत पंचमी का महत्व
(वसंत पंचमी), माँ सरस्वती पूजा
वर्ष 2025 में, वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे होगी और इसका समापन 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे होगा।
इस दिन, सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:06 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि 5 घंटे 34 मिनट की होगी।
वसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जो विशेष रूप से माँ सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होता है। इस दिन, माँ सरस्वती, जो ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी मानी जाती हैं, उनकी पूजा की जाती है।
वसंत पंचमी की पूजा विधि:
- माँ सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना: इस दिन घरों और विद्यालयों में माँ सरस्वती की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति स्थापित की जाती है।
- सरस्वती वंदना: पूजा में विशेष रूप से सरस्वती वंदना और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
- विद्या की पूजा: विद्यार्थियों द्वारा अपनी किताबों और कलम की पूजा की जाती है, ताकि उनका ज्ञान में वृद्धि हो।
- पीला रंग: इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने का महत्व है, क्योंकि यह रंग वसंत ऋतु और समृद्धि का प्रतीक है।
- भोग अर्पित करना: माँ सरस्वती को विशेष रूप से पीले रंग के फूल, फल, और मिठाई अर्पित की जाती हैं।
वसंत पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह छात्रों के लिए एक प्रोत्साहन देने वाला दिन भी है। इस दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग प्रार्थना करते हैं।
