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महाभारत में कई रोचक और रहस्यमयी घटनाएँ हैं,

महाभारत की अनसुनी कहानी – बारबरीक की अद्भुत कथा

परिचय

महाभारत के युद्ध में कई महान योद्धा शामिल थे, लेकिन एक ऐसा योद्धा भी था जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली योद्धा कहा जाता है – श्रीकृष्ण के परम भक्त बारबरीक। परंतु दुर्भाग्यवश, वे इस युद्ध में भाग नहीं ले सके। आइए जानते हैं उनकी अनसुनी कहानी।

बारबरीक कौन थे?

बारबरीक घटोत्कच के पुत्र और भीम के पौत्र थे। उनके पास भगवान शिव से प्राप्त तीन अचूक बाण थे, जिनसे वे किसी भी युद्ध को पलक झपकते ही समाप्त कर सकते थे।

श्रीकृष्ण की परीक्षा

जब बारबरीक महाभारत युद्ध में शामिल होने के लिए निकले, तो श्रीकृष्ण ने उनकी परीक्षा ली। उन्होंने पूछा कि वे युद्ध में किसका पक्ष लेंगे? बारबरीक ने उत्तर दिया कि वे सदैव हारने वाले पक्ष का समर्थन करेंगे। इस पर श्रीकृष्ण ने सोचा कि यदि बारबरीक युद्ध में उतरेंगे, तो उनकी शक्ति के कारण युद्ध में संतुलन बिगड़ जाएगा।

श्रीकृष्ण द्वारा बारबरीक का बलिदान

श्रीकृष्ण ने बारबरीक से उनका सिर मांग लिया। बारबरीक ने निःसंकोच अपना शीश दान कर दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे इस युद्ध को अपने कटे हुए शीश से देख सकेंगे।

निष्कर्ष

बारबरीक की यह कहानी हमें सिखाती है कि निःस्वार्थ भक्ति और त्याग का कितना महत्व है। आज भी राजस्थान के खाटू में उनकी पूजा होती है और वे ‘खाटू श्याम’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।

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