
सावन की शिवरात्रि 2025 : जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय
हिंदू धर्म में सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है, जिसे सावन शिवरात्रि कहा जाता है। यह व्रत और पूजा भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का एक सशक्त माध्यम है। आइए जानें इस साल सावन की शिवरात्रि कब है, इसका शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और लाभदायक उपाय।
📅 सावन शिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिथि: रविवार, 20 जुलाई 2025
- निशिता काल पूजन मुहूर्त: रात 12:06 बजे से 12:48 बजे तक
- चतुर्दशी तिथि आरंभ: 20 जुलाई 2025 को सुबह 11:12 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 21 जुलाई 2025 को सुबह 08:30 बजे
सावन शिवरात्रि व्रत, खासकर रात के निशिता काल (आधी रात का समय) में भगवान शिव का पूजन करने से विशेष फल मिलता है।
🕉️ सावन शिवरात्रि व्रत की पूजा विधि
- प्रात:काल स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
- घर या मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को स्थापित करें।
- शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, भस्म, धतूरा, आक, सफेद पुष्प, फल, अक्षत और भोग अर्पित करें।
- “ॐ नम: शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
- रात को चार प्रहर में शिव पूजन करें। हर प्रहर में अलग-अलग सामग्री से अभिषेक करें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
🌟 सावन शिवरात्रि के विशेष उपाय
- रुके हुए कामों की सिद्धि के लिए – शिवलिंग पर केसर मिले दूध से अभिषेक करें और “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
- कर्ज़ मुक्ति के लिए – शिवलिंग पर जल में गुड़ मिलाकर अर्पित करें।
- वैवाहिक जीवन में सुख के लिए – शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करें और सुहाग सामग्री चढ़ाएं।
- स्वास्थ्य लाभ के लिए – महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और शिवलिंग पर जल अर्पण करें।
- धन प्राप्ति के लिए – शिवलिंग पर शुद्ध घी से दीपक जलाएं और कनकधारा स्तोत्र पढ़ें।
🔱 सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन मास में भगवान शिव की आराधना करने से कष्टों का नाश, कर्मों का शुद्धिकरण और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह शिवरात्रि विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो भक्ति और संयम से व्रत रखते हैं।
