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माता कात्यायनी की पूजा विधि

माता कात्यायनी की कथा एवं पूजा विधि 

तत्र चूड़ामणि के अनुसार मां दुर्गा के नौ रूपों में से छठा रूप माता कात्यायनी  के नाम से जाना जाता है। ऐसा मन जाता है की नवरात्र के नौदिनों में माता की आराधना से विशेष फल प्राप्त होता है नवरात्र के नौ दिनों में लोग माता के विभिन रूपों की पूजा कर मनवांछित फल प्राप्त करते है  आइये आज इस लेख में हम माता कात्यायनी की कथा एवं उनकी पूजा विधि के बारे में जानते है।

बहुत समय पहले की बात है महर्षि कात्यायन जिनके नाम पर कात्यायन गोत्र की शुरुआत। उन्होंने जगत जननी माँ आदिशक्ति जगदम्बा को प्रशन्न कर उन्हें पुत्री रूप में प्राप्त करने का वर पाया। जिसके पच्यत माँ ने उनके घर जन्म लिया और कात्यायनी कहलाई। इनका गुण शोध कार्य है इसलिए इस वैज्ञानिक युग में माता कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है

ऐसा माना जाता है की ब्रजमंडल की गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए माता कात्यायनी की पूजा की जिसकी वजह से इन्हे ब्रजमंडल की अदिष्ठात्री देवी के रूप में पुजा जाता है

माता कात्यायनी की कथा एवं पूजा विधि (Mata Katyayani Ki Katha Avam Pooja Vidhi) नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। माता कात्यायनी शक्ति की छठी रूप हैं और इनकी पूजा से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है, और जीवन में प्रेम व शांति बनी रहती है।


🛕 माता कात्यायनी की पूजा विधि (Mata Katyayani Pooja Vidhi)

🌅 पूजन सामग्री:

  • गंगाजल या शुद्ध जल
  • लाल पुष्प
  • रोली, चंदन, हल्दी, अक्षत
  • दूध, दही, घी, शहद और चीनी (पंचामृत)
  • नारियल, लड्डू या कोई भी भोग
  • दीपक, अगरबत्ती, कपूर

🙏 पूजा विधि:

🪔 माता कात्यायनी की पूजा विधि

माता कात्यायनी की पूजा विधि सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।
इस पूजा को विशेष रूप से नवरात्रि के छठे दिन किया जाता है, परंतु श्रद्धा से कोई भी दिन उपयुक्त है।

🌸 पूजा विधि:

  1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थान को शुद्ध करके वहां देवी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. गंगाजल, रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, दीप, धूप आदि से पूजन करें।
  4. माता को दूध, शहद, दही आदि से पंचामृत स्नान कराएं (यदि संभव हो)।
  5. देवी को लाल पुष्प चढ़ाना विशेष फलदायक माना जाता है।
  6. माता को भोग में मिश्री, नारियल और शहद अर्पण करें।
  7. ध्यान मंत्र का जप करें:

    “चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
    कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥”
  8. अंत में माता की आरती करें और प्रार्थना करें।


🙏 माता कात्यायनी की आरती

जय अम्बे कात्यायनी माता।
जय जगदम्बे सुखदाता॥

कात्यायन ऋषि घर जन्मी,
महिषासुर को मारा।
दुष्टों को विनाश किया,
देवों को उबारा॥

लाल वस्त्र तन शुशोभित,
हाथों में खड्ग कमल।
सिंहवाहिनी वीररूपा,
रखती शत्रु दल॥

जय अम्बे कात्यायनी माता।
जय जगदम्बे सुखदाता॥

अगर आप पूरी आरती पढ़ना चाहते है तो दिए गए लिंक पर क्लिक करे।


📖 माता कात्यायनी की चालीसा (संक्षेप में)

माता के चालीसा का पाठ न केवल मन को शांति देता है बल्कि व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

कात्यायनी च महामाया चन्द्रघण्टा च शक्तिता।
शाकम्भरी च दुर्गा च ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

महिषासुरमर्दिनि च चामुण्डा च महाबला।
मातङ्गी च काली च सृष्टिकर्त्री परात्परा॥

👉 पूरी चालीसा में 40 दोहे होते हैं जो देवी के रूप, स्वरूप, और लीलाओं का वर्णन करते हैं। अगर आप पूरी चालीसा पढ़ना चाहते है तो दिए गए लिंक पर क्लिक करे।


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🌟 माता कात्यायनी की पूजा से होने वाले लाभ (विस्तृत विवरण)

माता कात्यायनी की पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और सांसारिक जीवन में भी अनेक सकारात्मक प्रभाव लाती है। माता के स्वरूप को शक्ति, साहस, प्रेम, विवाह, विजय और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

नीचे हम जानते हैं कि माता कात्यायनी की पूजा से भक्तों को कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं:


💑 1. विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं

माता कात्यायनी को विवाह की देवी भी कहा जाता है।
विशेष रूप से कन्याएं यदि श्रद्धा से माता की पूजा करें, तो उनके विवाह में आ रही सभी अड़चनें दूर होती हैं।
जिन कन्याओं का विवाह योग्य होने के बाद भी रिश्ता नहीं बनता या बार-बार रिश्ता टूट जाता है, उन्हें नवरात्रि के छठे दिन से 21 दिनों तक कात्यायनी व्रत करना चाहिए।

📿 “कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥”
इस मंत्र का जप विवाह के लिए विशेष फलदायी माना गया है।


💘 2. प्रेम विवाह में सफलता

माता कात्यायनी सच्चे प्रेम का आशीर्वाद देती हैं।
यदि कोई प्रेमी युगल विवाह करना चाहता है लेकिन सामाजिक या पारिवारिक बाधाएं आ रही हैं, तो माता की उपासना से वह विवाह संभव हो सकता है।
माता अपने भक्तों को सच्चा प्रेम और साहस देती हैं ताकि वे अपने रिश्ते को दृढ़ता से निभा सकें।


🛡 3. शत्रुओं पर विजय और डर से मुक्ति

क्योंकि माता कात्यायनी ने महिषासुर जैसे राक्षस का वध किया था, इसलिए इन्हें “दानवघातिनी” भी कहा जाता है।
इनकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है, मुकदमे या कोर्ट केस में जीत मिलती है और समाज में सम्मान प्राप्त होता है।
यदि कोई व्यक्ति बार-बार परेशानियों या विरोध का सामना कर रहा है, तो उसे माता की आराधना करनी चाहिए।


🧘‍♀️ 4. मानसिक शांति और आत्मबल की वृद्धि

माता कात्यायनी शक्ति का प्रतीक हैं।
इनकी पूजा करने से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास, साहस, इच्छाशक्ति और मानसिक दृढ़ता बढ़ती है।
डर, चिंता, तनाव या नकारात्मक विचारों से जूझ रहे लोगों के लिए यह पूजा बेहद कल्याणकारी है।
साथ ही ध्यान और साधना में मन लगने लगता है।


🧿 5. नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोष से मुक्ति

माता की पूजा करने से घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
कुछ लोगों की कुंडली में यदि मंगल दोष (Manglik Dosh) हो, तो कात्यायनी व्रत करने से उसका प्रभाव कम होता है।
इसके साथ-साथ राहु, केतु या शुक्र दोष के प्रभाव से भी राहत मिलती है।


📈 6. करियर और शिक्षा में सफलता

जो छात्र पढ़ाई में एकाग्र नहीं हो पाते, या बार-बार असफलता मिलती है, उन्हें माता कात्यायनी की पूजा जरूर करनी चाहिए।
इनकी कृपा से बुद्धि, स्मरण शक्ति, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
इसके अलावा, नौकरी में प्रमोशन, बिज़नेस में लाभ और कार्यस्थल पर सम्मान भी प्राप्त होता है।


🧿 7. संतान सुख की प्राप्ति

जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्ति में दिक्कत हो रही हो, वे यदि श्रद्धा से माता की पूजा करें तो उन्हें संतान सुख भी प्राप्त हो सकता है।
माता स्नेह, वात्सल्य और मातृत्व की देवी हैं, जो अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।


🌈 8. जीवन में सौभाग्य और समृद्धि

माता कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, सुख, ऐश्वर्य और शांति आती है।
घर में बरकत बनी रहती है, धन की वृद्धि होती है और सभी कार्य शुभ रूप से पूर्ण होते हैं।

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