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सम्पूर्ण जानकारी

ललिता देवी सिद्धपीठ की सम्पूर्ण जानकारी

1. परिचय:
ललिता देवी सिद्धपीठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह 51 सिद्धपीठों में से एक है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि यहाँ माता सती की दाहिनी हथेली गिरी थी।

नैमिषारण्य की मां ललिता देवी पूरी करती हैं भक्त की मनोकामना, 108 शक्तिपीठों  में है दूसरा स्थान


2. पौराणिक कथा और महत्व:
सिद्धपीठों की उत्पत्ति से संबंधित कथा “शिव पुराण” और “देवी भागवत” में वर्णित है। भगवान शिव की अर्धांगिनी माता सती ने जब अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमान सहन नहीं कर पाईं, तो उन्होंने योग अग्नि द्वारा स्वयं को भस्म कर लिया। भगवान शिव माता के शव को लेकर तांडव करने लगे, जिससे सृष्टि का संतुलन बिगड़ने लगा। इसे रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। जहाँ-जहाँ उनके अंग गिरे, वहाँ-वहाँ सिद्धपीठों की स्थापना हुई।

ललिता देवी मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहाँ माता सती की दाहिनी हथेली (हस्त तालु) गिरी थी। इस स्थान पर माता “ललिता देवी” के रूप में पूजित हैं और भगवान शिव “भैरव” के रूप में “भैरवनाथ” कहलाते हैं।


3. मंदिर का विवरण:

  • स्थान: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
  • मुख्य देवी: माँ ललिता देवी
  • भैरव रूप: भैरवनाथ
  • विशेषता: माँ ललिता को “त्रिपुरा सुंदरी” और “आद्या शक्ति” भी कहा जाता है।
  • मंदिर की बनावट: मंदिर प्राचीन शैली में बना हुआ है और यहाँ भक्तों की अत्यधिक भीड़ रहती है।


4. धार्मिक महत्व:

  • माँ ललिता देवी को प्रयागराज की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।
  • ऐसा विश्वास है कि माँ के दर्शन करने से भक्तों को शक्ति, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  • यहाँ की विशेष पूजा से सभी प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
  • कुंभ मेला और माघ मेले के दौरान यहाँ विशेष भीड़ रहती है।


5. विशेष त्योहार और अनुष्ठान:

  • नवरात्रि: इस दौरान माँ ललिता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
  • माघ मेला: जनवरी-फरवरी में माघ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
  • कुंभ मेला: हर 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले में इस मंदिर का विशेष महत्व है।


श्री ललिता देवी मंदिर - प्रयाग समागम

6. कैसे पहुँचें:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: प्रयागराज जंक्शन
  • निकटतम हवाई अड्डा: प्रयागराज एयरपोर्ट (बम्हरौली)
  • सड़क मार्ग: मंदिर शहर के मध्य स्थित है और आसानी से पहुँचा जा सकता है।


7. अन्य प्रमुख स्थान:

  • त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम)
  • हनुमान मंदिर
  • अक्षयवट
  • भारद्वाज आश्रम


निष्कर्ष:

ललिता देवी सिद्धपीठ केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि अध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है। यह स्थान श्रद्धालुओं को अपार शांति और शक्ति प्रदान करता है। प्रयागराज आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए माँ ललिता देवी का दर्शन अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।

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